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MHD-11 Solved Assignment 2023-24 for July 2023 and January 2024 Session
M.H.D-11 हिंदी कहानी
सत्रीय कार्य
(सभी खंडों पर आधारित)
पाठ्यक्रम कोड : एमएच डी-11
सत्रीय कार्य कोड : एमएएच डी-11/ टी.एमए./2023–2024
कुल अंक : 100
सभी प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
- निम्नलिखित में से किन्हीं दो की संदर्भ सहित व्याख्या कीजिए:
(क) शकलदीप बाबू एक-दो क्षण चुप रहे, फिर दाएं हाथ को ऊपर-नीचे नचाते बोले, “फिर इसकी गारंटी ही क्या है कि इस दफे बाबू साहब ले ही लिए जाएंगे? मामूली ए. जी. आफिस की क्लर्की में तो पूछे नहीं गए, डिप्टी कलक्टरी में कौन पूछेगा? आप में क्या खूबी है, साहब, कि आप डिप्टी कलक्टर हो ही जाएंगे? थर्ड क्लास बी. ए. आप हैं, चौबीसो घंटे मटरगश्ती आप करते हैं, दिन-रात सिगरेट आप फूंकते हैं। आप में कौन-से सुर्खाब के पर लगे है, जनाब? भाई, समझ लो, तुम्हारे करम में नौकरी लिखी ही नहीं। अरे हाँ, अगर सभी कुकुर काशी ही सेवेंगे तो हंडिया कौन चटेगा? डिप्टी कलक्टरी, डिप्टी कलक्टरी। सच पूछो, तो डिप्टी कलक्टरी नाम से मुझे घृणा हो गई है। और उनके होंठ बिचक गए।
(ख) मैंने देखा, मुझसे ज्यादा वह प्रसन्न है। वह कभी किसी का एहसान नहीं लेता, पर मेरी खातिर उसने न जाने कितने लोगों का एहसान लिया। आखिर क्यों? क्या वह चाहता है कि मैं कलकत्ता आकर रहूँ उसके साथ, उसके पास? एक अजीब-नसी पुलक से मेरा तन-मन सिहर उठता है। वह ऐसा क्यों चाहता है? उसका ऐसा चाहना बहुत गलत है, बहुत अनुचित है!… मैं अपने मन को समझाती हूँ, ऐसी कोई बात नहीं है, शायद वह कंवल मेरे प्रति किए गए अपने अन्याय का प्रतिकार करने के लिए यह सब कर रहा है | क्या वह समझता है कि उसकी मदद से नौकरी पाकर मैं उसे क्षमा कर दूँगी, या जो कुछ उसने किया है, उसे भूल जाऊँगी? असम्भव। मैं कल ही उसे संजय की बात बता दूंगी।
(ग) उसने भौंहे समेट ली। मेरी आँखों में आँखें डालकर उसने कहना शुरू किया, “जो आदमी आत्मा की आवाज कभी – कभी सुन लिया करता है और उसे बयान करके उससे छुट्टी पा लेता है, वह लेखक हो जाता है। आत्मा की आवाज जो लगातार सुनता है, और कहता कुछ नहीं है, वह भोला-भाला सीधा-सादा बेवकूफ है। जो उसकी आवाज बहुत ज्यादा सुना करता है और वैसा करने लगता है, वह समाज -विरोधी तत्वों में यो ही शामिल हो जाया करता है। लेकिन जो आदमी आत्मा की आवाज जरूरत से ज्यादा सुन करके हमेशा बेचैन रहा करता है और उस बेचैनी में भीतर के हुक्म का पालन करता है, पागल है। पुराने जमाने में सन्त हो सकता था। आजकल उसे पागलखाने में डाल दिया जाता है।”
- “बदबू’ कहानी का प्रतिपाद्य स्पष्ट कीजिए |
- एक कहानीकार के रूप में मोहन राकेश का मूल्यांकन कीजिए।
- “ड्राइंग रूम” कहानी में अभिव्यक्त जीवन दर्शन को स्पष्ट करते हुए उसकी कथा संरचना पर प्रकाश डालिए।
- ‘सुख’ कहानी के कथ्य का विश्लेषण कीजिए।
- दलित साहित्य की अवधारणा पर प्रकाश डालते हुए ‘सिलिया’ कहानी के महत्व की चर्चा कीजिए।
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