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BHIE-144 Solved Assignment Hindi Medium 2023-24
B.H.I.E-144
भारत में इतिहास लेखन की परम्पराएँ
बी.एच.आई.ई.-144: भारत में इतिहास लेखन की परम्पराएँ
अध्यापक जाँच सत्रीय कार्य
पाठ्यक्रम कोड: बी.एच.आई.ई. -144
सत्रीय कार्य कोड : बी.एच.आई.ई. -144 /ए.एस.एस.टी./TMA/2023-24
अधिकतम अंक: 100
नोट: यह सत्रीय कार्य तीन भागों में विभाजित है। आपको तीनों भागों के सभी प्रश्नों के उत्तर देने हैं।
सत्रीय कार्य – I
निम्नलिखित वर्णनात्मक श्रेणी प्रश्नों के उत्तर लगभग 500 शब्दों (प्रत्येक) में दीजिए। प्रत्येक प्रश्न 20 अंकों का है।
1) अंतर्बद्ध इतिहास (embedded histories) की व्याख्या कीजिए। किस प्रकार दान-स्वुत ऋचाएँ नरथंसी और आख्यान ऐतिहासिक चेतना को प्रकट करते हैं?
2) किस प्रकार बखर अतीत को समझने में सहायक होते है? उदाहरणों के साथ व्याख्या कीजिए।
सत्रीय कार्य – II
निम्नलिखित मध्यम श्रेणी प्रश्नों के उत्तर लगभग 250 शब्दों (प्रत्येक) में दीजिए। प्रत्येक प्रश्न 10 अंकों का है।
3) संगम काव्य से किस प्रकार की ऐतिहासिक चेतना प्रकट होती है?
4) फिरिश्ता की इतिहास की अवधारणा की चर्चा कीजिए।
5) राष्ट्रवादी लेखन की प्रकृति पर एक टिप्पणी लिखिए। क्या आप इस मत से सहमत है कि राष्ट्रवादी इतिहासलेखन औपनिवेशिक इतिहासलेखन को चुनौती देने के संदर्भ में उभर कर आया?
सत्रीय कार्य – III
निम्नलिखित लघु श्रेणी प्रश्नों के उत्तर लगभग 100 शब्दों (प्रत्येक) में दीजिए। प्रत्येक प्रश्न 6 अंकों का है।
6) अभिलेखों की भाषा परिवर्तन के प्रतीक के रूप में
7) पौसचरियस्
8) अबुल फजल की इतिहास संबंधी अवधारणा
9) श्रम इतिहास
10) रनजीत गुहा