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BHDE-141 Solved Assignment 2023 for January 2023 and July 2023 Session
स्नातक उपाधि प्रतिष्ठा (सी.बी.सी.एस.) (बी.ए.ऑनर्स)
सत्रीय कार्य
(जनवरी-2023 तथा जुलाई-2023 सत्र के लिए)
पाठयक्रम कोड : बी.एच.डी.ई-141
अस्मितामूलक विमर्श और हिंदी साहित्य
B.H.D.E-141
अस्मितामूलक विमर्श और हिंदी साहित्य
सत्रीय कार्य
(संपूर्ण पाठयक्रम पर आधारित)
पाठयक्रम कोड : बी.एच.डी.ई-141 / बी.ए.ऑनर्स
सत्रीय कार्य कोड : बी.एच.डी.ई.-141 / 2023-24
कुल अंक : 100
सभी प्रश्न अनिवार्य हैं।
भाग-1
- निम्नलिखित पद्यांश /गद्यांश की सप्रसंग व्याख्या लगभग 800 शब्दों में कीजिए | 32(10530
(क) लेकिन
अब मेरे हाथ में
कलम है
डंडा है
झंडा है
अनगिनत नारे हैं
जुबान पर नहीं ला सकता था
अब
खुले आकाश में
उछाल सकता हूँ।
(ख) मृग तो नहीं था कहीं
बावले भरमते से इंगित पर चले गए
तुम भी नहीं थे
बस केवल यह रेखा थी
जिसमें बँधकर मैंने दुस्सह प्रतीक्षा की
संभव है आओ तुम
अपने संग अंजलि में भरने को
स्वर्णाान लाओ
इन चरणों से
यह सीमा-रेखा
(ग) दलित साहित्य की यह मान्यता होनी चाहिए कि भावपक्ष जितना गहरा होगा, अपनी अभिव्यक्ति में वह कलापक्ष में उतना अधिक सँवरेगा। कलापक्ष भावपक्ष को नष्ट करने के लिए नहीं बल्कि उसकी प्रभावी और सशक्त अभिव्यक्ति और प्रस्तुति के लिए है। अच्छे कपड़े अच्छे मनुष्य का हमेशा श्रृंगार हैं। बढ़ई मात्र मेज बना रहा है लेकिन अच्छी बात तब होगी जब वह अच्छी मेज बनाए। मेज मजबूत भी हो और सुंदर भी हो – एक साथ इन दोनों माँगों में कोई बुराई नहीं है। कोई लेखक अपने प्रिय पाठकों पर अपनी वैसी पुस्तक थोपना नहीं चाहेगा जो साहित्यिकता से रहित हो। किसी भी साहित्य में साहित्यिकता का होना अनिवार्य है। यह बात दलित साहित्यकार के पक्ष की है कि वह अभ्यास और साधना में बहुत बढ़ा-चढ़ा है।
भाग-2
- निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 1000 शब्दों में दीजिए ।
(क) दलित विमर्श में डॉ. आंबेडकर की भूमिका पर अपने विचार व्यक्त कीजिए |
(ख) स्त्री विमर्श को परिभाषित करते हुए इसके उद्देश्य पर प्रकाश डालिए।
(ग) आदिवासी साहित्य की प्रवृत्तियों का विवेचन कीजिए |
(घ) ‘सलाम’ कहानी की मूल संवेदना को स्पष्ट करते हुए गाँव में दलितों की सामाजिक स्थिति का वर्णन कीजिए |
भाग-3
- निम्नलिखित विषयों पर लगभग 500 शब्दों में टिप्पणी लिखिए |
(क) साहित्य में स्त्री विमर्श
(ख) आदिवासी की समस्या
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