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BHDC-134 Solved Assignment 2023 for January 2023 and July 2023 Session
B.H.D.C-134
हिंदी गद्य साहित्य
खंड-क
- निम्नलिखित गद्यांशों की सप्रसंग व्याख्या कीजिए :
(क) नाविक उस प्रचण्ड आँधी में प्रकाश की एक-एक किरण के लिए हम लोग कितने व्याक॒ल थे। मुझे स्मरण है जब मैं छोटी थी, मेरे पिता नौकरी पर समुद्र में जाते थे, मेरी माता, मिट्टी का दीपक बॉस की पिटारी में भागीरथी के तट पर बॉस के साथ ऊँचे टाँग देती थी। उस समय वह प्रार्थना करती, “भगवान मेरे पथ भ्रष्ट नाविक को अंधकार में ठीक पथ पर ले चलना |” और जब मेरे पिता बरसों पर लौटते तो कहते-“साध्वी तेरी प्रार्थना से भगवान ने संकटों में मेरी रक्षा की है।’
(ख) गजाधर बाबू ने कोट उतारा और कहीं टॉगने को दीवार पर नजर दौड़ाई। फिर उसे मोड़कर अलगनी के कुछ कपड़े खिसकाकर एक किनारे टॉँग दिया। कुछ खाए बिना ही अपनी चारपाई पर लेट गए। कुछ भी हो, तन आखिकार बूढ़ा ही था। सुबह-शाम कुछ दूर टहलने अवश्य चले जाते, पर आते-आते थक उठते थे। गजाधर बाबू को अपना बड़ा-सा खुला हुआ क्वार्टर याद आ गया। निश्चिन्त जीवन, सुबह पैसेंजर ट्रेन आने पर स्टेशन की चहल-पहल, चिरपरिचित चेहरे और पटरी पर रेल के पहियों की खट्-खट् जो उनके लिए मधुर संगीत की तरह था।
खंड-ख
- द्विवेदी युगीन हिंदी गद्य साहित्य का परिचय दीजिए |
- ‘त्याग-पत्र’ के आधार पर मृणाल की चारित्रिक विशेषताओं पर प्रकाश डालिए |
- निम्नलिखित विषयों पर टिप्पणी (प्रत्येक पर लगभग 200-250 शब्दों में) लिखिए :
(क) आकाशदीप’ की अंतर्वस्तु
(ख) अंग्रेजों की भाषा नीति
खंड-ग
- रामचंद्र शुक्ल के जीवन और साहित्य का परिचय दीजिए |
- ‘कुटज’ के वैचारिक पक्ष की विवेचना कीजिए |
- निम्नलिखित विषयों पर टिप्पणी (प्रत्यूुके पर लगभग 200-250 शब्दों में) लिखिए :
(क) ‘लोभ और प्रीति’ में देश प्रेम का स्वरूप
(ख) ‘सहस्र फणों का मणि-दीप’ की भाषा
BHDC134, BHDC 134