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BHDC-112 Solved Assignment 2023-24 for July 2023 and January 2024 Session
B.H.D.C-112
हिंदी निबंध और अन्य गद्य विधाएँ
सत्रीय कार्य
(संपूर्ण पाठ्यक्रम पर आधारित)
पाठ्यक्रम कोड : बी.एच.डी.सी.-112 /बी.ए.एच.डी.एच.
सत्रीय कार्य कोड : बी.एच.डी.सी.-112 /2023-24
कुल अक : 100
खंड-1
निम्नलिखित गद्यांशों की संदर्भ सहित व्याख्या कीजिए |
- हिंदी निबंध का उद्भव और विकास पर प्रकाश डालिए।
- निम्नलिखित में से किन्हीं दो की सप्रसंग व्याख्या लिखिए
(क) “मनुष्य के हाथ से ही ईश्वर के दर्शन कराने वाले निकलते हैं। बिना काम, बिना मजदूरी, बिना हाथ के कला-कौशल के विचार और चिंतन किस काम के! सभी देशों के इतिहासों से सिद्ध है कि निकम्मे पादरियों, मौलवियों, पंडितों और साधुओं का, दान के अन्न पर पला हुआ ईश्वर-चिंतन, अंत में पाप, आलस्य और भ्रष्टाचार में परिवर्तित हो जाता है। जिन देशों में हाथ और मुँह पर मजदूरी की धूल नहीं पड़ने पाती वे धर्म और कला-कौशल में कभी उन्नति नहीं कर सकते। पद्यासन निकम्मे सिद्ध हो चुके हैं।”
(ख) “मन फिर घूम गया कौशल्या की ओर, लाखों-करोड़ों कौसल्याओं की ओर, लाखों-करोड़ों कौसल्याओं के द्वारा मुखरित एक अनाम-अरूप कौशल्या की ओर, इन सब के राम वन में निर्वासित हैं। पर क्या बात है कि मुकुट अभी भी उनके माथे पर बँधा है और उसी के भीगने की इतना चिंता है?
(ग) “हृदय के भीतर जलनेवाली विरहाग्नि ने उसे किसी काम का नहीं छोड़ा। हे भगवान, तुम ऐसा कुछ नहीं कर सकते कि सारे गाँव के समान इस बालिका को भी चंद्रमा उतना ही शीतल लगे जितना औरों को लगता है। अर्थात् विरहिणी की दारूण-व्यथा अब सब के चित की सामान्यअनुभूति के साथ ताल मिलाकर चलने लगी। पागल का ‘लगना’ एक का लगना होता है, कवि का लगना सबको लगने लगता है। बात उलट कर कही जाय तो इस प्रकार होगी – जिसका लगना सबको लगे वह कवि है, जिसका लगना सिर्फ उसे ही लगे, औरों को नहीं, वह पागल। लगने-लगने में भी भेद है। जो सबको लगे, वह अर्थ है, जो एक को ही लगे, वह अनर्थ है। अर्थ सामाजिक होता है।”
खंड-2
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर 700-800 शब्दों में लिखिए।
- निबंध से क्या आशय है? इसकी विशेषताएँ लिखिए।
- ‘करूणा’ निबंध का प्रतिपाद्य लिखिए ।
- ‘रजिया’ रेखाचित्र का सारांश लिखिए।
- ‘आम रास्ता नहीं है’ के महत्व पर प्रकाश डालिए।
खंड-3
- महाकवि जयशंकर प्रसाद ‘संस्मरण’ के माध्यम से प्रसाद जी के व्यक्तित्व पर प्रकाश डालिए।
- ‘गिल्लू’ रेखाचित्र का प्रतिपाद्य बताइए।
- ‘ये हैं प्रोफेसर शशांक’ का कथासार लिखिए।
BHDC112, BHDC 112
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