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BHDC-103 Solved Assignment 2023 for January 2023 & July 2023 Session
B.H.D.C-103
आदिकालीन एवं मध्यकालीन हिंदी कविता
सत्रीय कार्य
(खंड 4 से 4 पर आधारित)
पाठ्यक्रम कोड : बी.एच.डी.सी-103
सत्रीय कार्य कोड : बी.एच.डी.सी.-103 /बी.ए.एच.डी.एच. /2023
कुल अंक : 100
नोट : सभी प्रश्न अनिवार्य हैं। दस अंक के प्रश्नों का उत्तर लगभग आठ सौ शब्दों में तथा पाँच अंकों के प्रश्नों के उत्तर लगभग चार सौ शब्दों में दीजिए।
भाग-1
- निम्नलिखित पद्याशों की ससंदर्भ व्याख्या कीजिए:
(क) गोरी सोवे सेज पर मुख पर डारे केस,
चल खुसरो घर आपने रैन भई चहुँ देश ।।
खुसरो रैन सोहाग की, जागी पी के संग।
तन मेरा मन पीऊ को दोऊ भए एक रंग।।
(ख) हम न मरें मरिहै संसारा।
हंमकौं मिला जिआवनहारो
साकत मरहिं संत जन जीवहिं। भरि भरि रांम रसांइन पीवहिं।।
हरि मरिहै तौ हंमहूँ मरिहैँ। हरि न मरै हंम काहे कौ मरिहैं।।
कहै कबीर मन मनहिं मिलावा। अमर भए सुखसागर पावा।।
(ग) काहे कौं रोकत मारग सूघौ।
सुनहु मधुप निरगुन कंटक तैं, राजपंथ कक््यौं रूधौ।
के तुम सिखि पठए हौ कुबिजा, कहयौ स्याम घनहूँ धौ।
बेद पुरान सुमृति सब ढूँढ़ो, जुवतिनि जोग कहूँ धौं।
ताकौ कहा परेखौ कीजै, जानै छाँछ न दूधौ।
सूर मूर अक्रूर गयौ लै, ब्याज निवेरत ऊघौ।
(घ) रहिमन पानी राखिये, बिनु पानी सब सून।
पानी गए न ऊबरै, मोती, मानुष, चून।
रहिमन बिपदाहू भली, जो थोरे दिन होय।
हित अनहित या जगत में, जानि परत सब कोय।
रहिमन वे नर मर चुके, जे कहूँ माँगन जाहिं।
उनते पहिले वे मुए, जिन मुख निकसत नाहिं।
भाग-2
- विद्यापति के काव्य सौंदर्य के प्रमुख पक्षों को रेखांकित कीजिए।
- सूरदास के वात्सल्य वर्णन की विशिष्टताओं पर प्रकाश डालिए।
- निम्नलिखित विषयों पर टिप्पणी लिखिए
(क) घनांनद की भक्ति भावना
(ख) तुलसी का कलिकाल वर्णन
भाग-3
- बिहारी की श्रृंगार भावना की विशिष्टताओं का सोदाहरण उल्लेख कीजिए।
- मीराबाई के काव्य में स्त्री चेतना पर प्रकाश डालिए।
- निम्नलिखित विषयों पर टिप्पणी लिखिए
(क) रहीम के का काव्य सौंदर्य
(ख) कबीर की सामाजिक चेतना
BHDC103, BHDC 103
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