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MJY-008 ज्योतिर्विज्ञान
(सत्रीय कार्य)
पाठ्यक्रम कोड :MJY-008
सत्रीय कार्य कोड :MJY-008/2022-23
कुल अंक : 100
नोट : यह सत्रीय कार्य 02 खण्डों में विभकत हैं। सभी खण्ड अनिवार्य हैं। 5 अंक के प्रश्नों का विस्तृत उत्तर दीजिए। 10 अंक के प्रश्नों का लगभग आठ सौ शब्दों में उत्तर देना है।
खण्ड-1
निर्देश- निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्ही चार प्रश्नों के विस्तृत उत्तर दीजिए :
1. ज्योतिष शास्त्र में भावों का क्या महत्व है विस्तार से लिखिए।
2. मेष, वृक्ष और मिथुन राशियों का 12 भावों में फल के अनुसार वर्णन कीजिए।
3. सिंह, कन्या, तुला राशियों का 12 भावों में फल के अनुसार वर्णन कीजिए।
4. भावगत ग्रहों में सूर्य और चन्द्रमा के फल का 12 भावों के अनुसार विवेचन कीजिए।
5. धन भाव में विषयों का विचार किस आधार पर किया जाता है? विस्तार से लिखिए।
6. तनु भाव में विषयों का विचार किस आधार पर किया जाता है? विस्तार से लिखिए।
7. भूमि, भवन, वाहन एवं अन्य सुखों का विचार किन भावों से किया जाता है, विस्तार से लिखिए।
खण्ड-2
निर्देश: अधोलिखित प्रश्नों में से किन्ही चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
1. 12 भावों में धनु और मकर राशियों के फल का विवेचन कीजिए।
2. चार पुरूषार्थों का ज्योतिष शास्त्रीय विवेचन कीजिए।
3. कर्म फल ज्योतिष शास्त्रीय विवेचन कीजिए।
4. दाम्पत्य जीवन के सुखों का ज्योतिष शास्त्रीय विवेचन कीजिए।
5. विद्या, बुद्धि और संतान का विचार किन भावों से होता है? उल्लेख कीजिए।
6. रोग का विचार किस भाव से करते हैं? फल के आधार पर वर्णन कीजिए।
7. मित्रता का और कूटुम्ब का, फल के आधार पर भावगत विवेचन कीजिए।
8. ‘पठित अंश के आधार पर आयु विचार का वर्णन कीजिए।
MJY8, MJY 8 HINDI MEDIUM
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