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MHD-23 Solved Assignment 2023-24 for July 2023 and January 2024 Session
M.H.D-23 मध्ययुगीन कविता – 1
सत्रीय कार्य
पाठ्यक्रम कोड : एम.एच.डी.–23
सत्रीय कार्य कोड : एम.एच.डी.-23/ टी.एम.ए. / 2023-24
कुल अंक : 100
- निम्नलिखित पद्यांशों की संदर्भ सहित व्याख्या कीजिए : 4004-40
(क) लगु जैस इह अहि बुतकारी। चन्दन जैफर मिरै सँवारी।।
सरग पवान लाग जनु आयी। चाहत बैंसौं जाइ उड़ायी।।
बाँसपोर हुत जनु घर काँढ़ी। अछरि जइस देखि मैं ठाढ़ी ।।
कोंइ पुहुप अस अंग गँधाई। रितु बसन््त चहुँ दिसि फिर आई।।
संग बास नौखण्ड गँधाने। बास केतकी भँवर लुभाने ।।
उपेन्दर गोयन्द चँदरावल, बरभाँ बिसुन मुरारि।।
गुन गँधरव रिखि देवता, रूप विमोहे नारि।।
(ख) ऊँचे मन्दिर शाल रसोई, एक धरी पुनि रहनि न होई।।
यह तन ऐसा जैसे घास की टाटी, जल गई घास, रलि गई माटी।।
भाई बन्धु कुटुम्ब सहेला, ओइ भी लागै काढु सबेरा।।
घर की नारि उरहि तन लागी, वह तो भूत-भूत करि भागी।।
कह रैदास जबै जग लूट्यौ, हम तौ एक राम कहि छूट्यौ।।
(ग) बिन गोपाल बैरिन भई कुंजैं।
तब ये लता लगति अति सीतल, अब भई विपम ज्वाल की पुजैं।।
बृथा बहति जमुना, खग बोलत वृथा कमल फूलैं, अलि गुंजैं।
पवन पानि घनसार संजोवनि दघिसुत किरन भानु भई भुजैं।।
ए, ऊधो, कहियो माधव सो बिरह कदन करि मारत लुंजैं।
सूरदास प्रभु को मग जोवत अँखियाँ भई बरन ज्यों गुजैं।।
(घ) प्रान वही जु रहें रिझि वापर रूप वही लिहिं वाहि रिझायो।
सीस वही जिन वे परसे पद अंक वही जिन वा परसायो।।
दूध वही जु दुहायो री वाही दही सु सही जो वही ढरकायो।
और कहाँ लौं कहौं रसखनि री भाव वही जु वही मनभायो।।
- निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (प्रत्येक का उत्तर लगभग 500 शब्दों में) दीजिए:
(क) हिंदी साहित्य के इतिहास ग्रंथों में भक्ति काव्य संबंधी विविध दृष्टिकोणों की चर्चा कीजिए।
(ख) रविदास की भक्ति एवं दर्शन का विश्लेषण कीजिए।
(ग) रसखान की प्रेम भावना का सोदाहरण विवचन कीजिए।
- निम्नलिखित विषयों में से प्रत्येक पर लगभग 450 शब्दों में टिप्पणी लिखिए :
(क) चंदायन में प्रेम का स्वरूप
(ख) ‘माया’ की अवधारणा
(ग) सूरदास के काव्य में लोकजीवन
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