Description
Follow us on Google News - IGNOU SERVICE
BHDC-104 Solved Assignment 2023 for January 2023 and July 2023 Session
B.H.D.C-104
आधुनिक हिंदी कविता (छायावाद तक)
खंड-क
निम्नलिखित पद्मांशों की ससंदर्भ व्याख्या कीजिये :
- नैना वह छवि नाहिन भूले
दया भरी चहुँ दिसि की चितवनि नेन कमल दल फूले
वह आवनि वह हंसनि छबीली वह मुस्कनि चित चोरे
वह बतरानि मुरलि हरि की वह देखन चहूँ कोरे
वह धीरी गति कमल फिरावन कर ले गायन पाछे
वह बीरी मुख वेनु बजावति पीत पिछोरी काछे
पर बस भए फिरत है नेना एक छन टरत न टारे
“हरीचंद” ऐसी छवि निरखत तन मन धन सब हारे।
- औरों के हाथों नहीं यहां पलती हूँ
अपने पैरों पर खड़ी आप चलती हूँ
श्रमवारि बिन्दु फल स्वास्थ्य मुक्ति फलती हूँ
अपने अंचल से व्यजन आप झलती हूँ
तनु-लता-सफलता- स्वादु आज ही लाया
मेरी कटिया में राज-भवन मन भाया।
- पंथ होने दो अपरिचित
पंथ होने दो अपरिचित प्राण रहने दो अकेला!
घेर ले छाया अमा बन,
आज कज्जल-अअश्रुओं में रिमझिम ले यह घिरा घन,
और होंगे नयन सूखे,
तिल बुझे औ’ पलक रूखे,
आद्र चितवन में यहाँ
शत विद्युतों में दीप खेला!
अन्य होंगे चरण हारे,
और हैं जो लौटते, दे शूल को संकल्प सारे,
दुखव्रती निर्माण उनन््मद,
यह अमरता नापते पद,
बाँध देंगे अंक-संसृति
से तिमिर में स्वर्ण बेला!
- स्तब्ध ज्योत्स्ना में जब संसार
चकित रहता शिशु-सा नादान
विश्व के पलकों पर सुकमार
विचरते हैं जब स्वप्न अजान
न जाने, नक्षत्रों से कौन
निमंत्रण देता मुझको मौन
सघन मेघों का भीमाकाश
गरजता है जब तमसाकार
दीर्घ भरता समीर निःश्वास
प्रखर झरती जब पावस धार
न जाने, तपक तड़ित में कौन
मुझे इंगित करता तब मौन
देख वसुधा का यौवन भार
गूँज उठता है जब मधुमास
विधुर उर के-से मृदु उद्गार।
खंड-ख
- भारतेंदु युगीन कविता की नवीन प्रवृतियों को रेखांकित करते हुए उस युग के प्रमुख कवियों का परिचय भी दीजिए।
- द्विवेदी युगीन काव्य के अभिव्यंजना शिल्प को रेखांकित कीजिए।
- छायावाद की पृष्ठभूमि को स्पष्ट करते हुए उसके प्रारंभ की चर्चा कीजिए।
- निराला काव्य की अर्न्तवस्तु को स्पष्ट कीजिए।
खंड-ग
- छायावाद के प्रमुख कवियों के कृतित्व का परिचय दीजिए।
- मैथिलीशरण गुप्त के काव्य में अभिव्यक्त राष्ट्रीय भावना पर प्रकाश डालिए।
- पंत के काव्य शिल्प की संक्षिप्त चर्चा कीजिए।
- महादेवी वर्मा की बिंब योजना पर प्रकाश डालिए।
BHDC104, BHDC 104